Rakshabandhan 2020 :
क्या है रक्षाबंधन (Raksha bandhan)?
- रक्षा + बंधन= रक्षा के लिए बंधन बाँधना (rakshabandhan)
- लेकिन कौन बांधता है बंधन रक्षा के लिए और किसको?
- क्या आप जानते हैं?
- मैं जानता हूं आप क्या कहेंगे शायद आपने कमेंट भी कर दिया होगा।
- लेकिन यह उचित नहीं है सिर्फ बहन ही भाई से रक्षा मांग सकती है क्या रक्षा तो कोई भी मांग सकता हैना?
तो फिर Rakshabandhan का यह त्यौहार भाई-बहन के लिए क्यों मनाया जाता है क्या आपको पता है ?
- रक्षा मांगना और देना दोनों एक बड़ा ही कठिन काम होता है
- भाई और बहन का रिश्ता कुछ अनोखा होता है बचपन से दोनों एक दूसरे की रक्षा करते आए हैं और हॉ सिर्फ बहन ही भाई से रक्षा मांग सकती है क्या भाई बहन से नही मांग सकता?
- जी हाँ आपने बिल्कुल सही सुना अगर भाई को भी रक्षा की आवश्यकता हो तो वो बहन से मांग सकता है।
- लेकिन हमारे यहाँ कुछ रिवाज बन चुका है कि बहन ही भाई से रक्षा मांगती है।
क्यू बहन ही भाई से रक्षा की मांग रखती है?
- रक्षा उसीसे मांगी जाती है जो श्रेष्ठ रक्षावान हो।तो इसी तरह हमारे देश मे लड़कियों को लड़को से कमजोर माना जाता है।
- और हर परिवार चाहता है कि उसको एक लड़का हो जो अपनी बहन की और परिवार की रक्षा कर सके।
- शायद इसीलिए बहन भाई से रक्षा मांगती है।
क्या आपको ये सही सोच लगती है?
- क्या लड़की परिवार की रक्षा नही कर सकती?
- आज हमारे देश मे लडक़ी लड़को से भी आगे निकल जाती है अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाती भी है।
- तो क्या उसे किसीसे रक्षा मांगने की जरूरत है?
- कुछ परिवार मे बहन भाई से बड़ी होती है जो अपने भाई के लिए क्या कुछ करती है कुछ परिवार में बहन पर भाई को पढ़ा लिखाने की जिम्मेदारी आती है तो कुछ बहने आपने परिवार के लिए नौकरी भी करनी पड़ती है।
मैं तो यह कहता हूँ कि आप जिससे रक्षा मांगना चाहते हो उसे आप (राखी या धागा ) rakhi बांध सकते हो।
चलो अब जानते है कि क्यू मनाई जाता है Rakshabandhan (रक्षाबंधन) का त्यौहार??
- दैत्यों के राजा बलिने 101 यज्ञ पूरे कर लिए थे। जिस कारण देवताओं का डर बढ़ गया गया बढ़ गया कि कहीं राजा बलि अपनी शक्ति से स्वर्ग लोक पर भी अधिकार न कर ले ले।
- इसलिए सभी देवता भगवान विष्णु के समक्ष रक्षा के लिए पहुंचे तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि से भिक्षा मांगी भिक्षा में बलि ने तीन पग भूमि देने का निश्चय किया तब भगवान विष्णु ने एक पग में स्वर्ग और दूसरे में स्वर्ग और दूसरे पग में पृथ्वी लिया जब राजा बलि ने तीसरा पग आगे बढ़ते हुए देखा तो वह परेशान हो गया और समझ नहीं पा रहा था कि क्या करें।
- फिर बली ने अपना सिर वामन देव के चरणों ने अपना सिर वामन देव के चरणों में रखा और कहा आप तीसरा पग मेरे सिर पर रखे मेरे सिर पर रखे और इस प्रकार भगवान विष्णु ने राजा बलि से स्वर्ग एवं पृथ्वी पर निवास करने का अधिकार छीन लिया गया और बलि रसातल में चला गया।
- बली ने अपनी भक्ति से भगवान से हर समय अपने सामने रहने का वचन लिया और भगवान विष्णु को राजा बलि का द्वारपाल बनना पड़ा जिस कारण देवी लक्ष्मी दुविधा में पड़ गई वह भगवान विष्णु को रसातल से वापस लाना चाहती थी तब उन्हें नारदजी से इस समस्या का समाधान मिला।
- लक्ष्मी जी ने राजा बलि के पास जाकर राखी(rakhi) बांधी और उसे अपना भाई बना लिया और उपहार में उन्होंने अपने पति विष्णु जी विष्णु जी विष्णु जी को मांगा। यह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था और तब से ही रक्षाबंधन (raksha-bandhan) मनाया जाता है।
एक कथा भविष्य पुराण में भी है।
- प्राचीन काल में 12 वर्षों तक देव और असुरों के मध्य संग्राम होता रहा इस युद्ध में देवताओं की हार हो रही थी।
- सभी देवता चिंतित थे तब इंद्र देव गुरु बृहस्पति के पास पहुंचे वहां इंद्र की पत्नी सची भी उपस्थित थे।
- इंदिरा को दुखी देखकर इंद्राणी ने कहा स्वामी कल ब्राह्मण शुक्ल पूर्णिमा है में विधि-विधान के साथ एक रक्षा सूत्र आपके लिए तैयार करूंगी आप उसे स्वस्तिवाचन पूर्वक ब्राह्मणों से बंधवा लीजिए आप निश्चयी विजय होंगे। अगले दिन इन्द्रने सच्ची के कहे अनुसार वह रक्षा सूत्र स्वस्तिवाचन पूर्वक गुरु बृहस्पति से बंधवाया और आखिर मैं देवताओ की जीत हुई।
- इन्द्र सही सलामत वापस पहुँचे। इस प्रकार एक रक्षा सूत्र से इंद्र और सभी देव और सभी देव की रक्षा हुई।
महाभारत काल की भी एक कथा प्रचलित है।
- जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध अपने चक्र से किया तब वो बहुत गुस्से में थे इसीलिए जब चक्र भगवान श्रीकृष्ण के पास वापस आया तो उसकी उंगली कट गई।
- तब पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने अपनी साड़ी का किनारा चीर कर कृष्ण की उंगली में बांध दिया तब भगवान कृष्ण ने वचन दिया कि वह सारी उम्र द्रोपदी की रक्षा करेंगे। इस ऋण को चुकाने के लिए द्रोपदी के चीर हरण के समय भगवान कृष्ण चीर के रूप में आए और द्रोपदी की रक्षा की।
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